आर्ट ऑफ लिविंग कोर्स के मेगा बेसिक कोर्स के रविवार 6 सितम्बर को समापन अवसर पर प्रतिभागियों ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि पूज्य श्रीश्री रविशंकर जी द्वारा दिये गये ज्ञान के साथ जीवन से जु़ड़ी प्रक्रियाओं को करने के बाद अनुभव हुआ कि जीवन का एक दूसरा रूप भी है, जिसमें हम अपनी जिम्मेदारियो को पूरा करते हुए भी मस्त एवं तनावपूर्ण जीवन जी सकते हैं। इस कोर्स में आने के बाद पता चला कि अध्यात्म एकांत जीवन जीने का नाम नहीं है। बल्कि अध्यात्म हमें समाज से तोड़ने के बजाय समाज से जोड़ता है।
कोर्स में प्रशिक्षण देने के लिए बैंगलोर से पधारी प्रशिक्षिका सुश्री शोभा बागरेचा ने प्रशिक्षार्थियों को योग, प्रणायाम, सुदर्शन क्रिया एवं सत्संग को जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। उन्होंने सुदर्शन क्रिया पर हुए अनुसंधानों तथा इसके महत्व को विस्तार से बताया।
प्रवक्ता रवि अदलखा ने बताया कि अगला बेसिक कोर्स 6 अक्टूबर को होगा। जल्द ही निकटवर्ती कस्बों में कोर्स आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है।
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